खुश होकर रह जाते हो हर बार
कम से कम आज तो मुस्करा दो एक बार
Published in
May 8, 2022
खुश होकर रह जाते हो हर बार
कम से कम आज तो मुस्करा दो एक बार
माना कुछ ख़ास नहीं आज का दिन
पर आता है साल में एक ही बार
मोमबत्ती एक बढ़ गयी तो क्या
फूल भी तो एक ज़्यादा है अब की बार
मेरी हर वजह बहाना ही जो लगे
तो इसे बहाना ही मान लो इस बार
मौका भी हो और दस्तूर भी
कहाँ मिलते हैं ऐसे दिन बार बार